Friday 29 June 2018
A-378 तेरे ख़ुशी 22.6.18-7.30 AM
Saturday 16 June 2018
A-377 ख़बर 17.6.18--5.49 AM
Saturday 2 June 2018
A-197 पैसा बेईमान हो गया 15.5.18--2.56 AM
A-197 पैसा बेईमान हो गया 15.5.18--2.56 AM
मैंने इसको इसके बचपन से ही देख रहा हूँ
इकन्नी दुअन्नी चवन्नी की ज़बान हो गया
गिरगिट बन रंग बदलना इसकी फितरत है
खुद फरिश्ता बन सब का भगवान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
किसी भिखारी की हथेली पर गुमशुदा बैठा
उलझा ऐसे जैसे किसी का नुक्सान हो गया
कभी अमीरों के तलवों तले खुर्द बुर्द हो रहा
फिर भी समझ रहा कि मेरा सम्मान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
किसी की मजबूरी बन खड़ा रहा बन ठन के
किसी के लिए पल भर में गुलिस्ताँ हो गया
इसके आने में आनन्द की कोई सीमा न रही
जाते ही लगा कि सब कुछ शमशान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
जब तक मेरे पास रहा बन कर मेरा मुकद्दर
मैंने सोचा कि मेरा ही है और गुमान हो गया
जब मेरी जेब से निकल किसी का हो लिया
पल भर में ही किसी और का ईमान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
मजे थे जब पैसों का अंबार लगा रहता था
दिन में जीना रातों का सोना हराम हो गया
हर रात जवाँ होती थी और सुबह तबस्सुम
निकल गया तो लगा कि कोहराम हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
बड़े अच्छे सम्बन्ध रहे इसके और मेरे बीच
मुश्किल तो तब हुई जब घमासान हो गया
और मेरी गुल्लक से निकल बाहर जा बैठा
ऐसा रुतबा लगा मेरा ही जजमान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
मुआयना करता रहा उसके इसी रंग ढंग का
एक पल तो मेरा दूसरे पल एहसान हो गया
बड़ा अहंकार था मुझे उसके करीब होने का
जब गया तो मैं एक अबला इंसान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
मेरा प्यारा नसीब भी पैसों में लगा है तुलने
पैसों की उपलब्धि ही मेरा सम्मान हो गया
इतना ज्यादा आदी हो चूका हूँ मैं पैसों का
जब भी पैसों की कमी हुई परेशान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
अपना भाईचारा तो सदा ही बना रहता था
हर एक शख़्स हमारा प्रिय मेहमान हो गया
पार्टियों का दौर क्या खूब चला करता था
वक़्त क्या बदला हर कोई अंजान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
नहीं आता करने कोई मुझसे सलाह मशवरा
पैसा न होना भी जैसे मानो अपराध हो गया
लोग मुझको यह बता कर चले जाते हैं अब
पैसों के मामले में तेरा नाम बदनाम हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
पैसा नहीं हुआ कभी किसी का ग़र अपना
फिर भी पैसा ख़ुदा पैसा ही ईमान हो गया
पैसों की वजह से ही हम भी पूजे जाते रहे
इसीलिए तो यही सबका भगवान हो गया
क्यों कि पैसा बेईमान हो गया!
अमृत पाल सिंह 'गोगिया'