कुछ पुरानी बातों से ही सिद्ध करने में लगे हैं
धर्म के नये आयाम जो दिखा करते थे पुराने
लगे हैं अपने धर्म को एक नया जामा पहनाने
कुछ खड़े रहते हैं केवल अपने धर्म के मुहाने
काम का धर्म एक ही दिखा वही जो हमारा है
बाकी सब को बेकार कह लगे हुए हैं निपटाने
इन्सान्यित नाम का कोई धर्म बचा ही नहीं है
इंसान को दकियानूस कह कर हो गए सियाने
गुरुओं को सुनो तो इन्सानियत एक धर्म था
नया मतलब बता उसका लगे हुए हैं बहकाने
प्रचारकों में भी अब वाद-विवाद होने लगा है
अपनी-अपनी सोच का सच ही लगे हैं दर्शाने
कितना गुमान हो गया है धर्म के ठेकेदारों को
कभी-कभी तो खुद को ही खुदा लगे हैं बताने
सारे रास्ते छोड़ दो और जुड़ जायो तुम मुझसे
ले जायेंगे वो स्वर्ग तुमको लगे हुए हैं समझाने
कोई कह रहा मंत्र पढ़ लो कष्ट चला जायेगा
कोई कह रहा यह सब किस्से हो गए हैं पुराने
पाली कहे प्यार का मंत्र तो पढ़कर देखो भाई
न तो अपना दुखे न पड़ेंगे किसी के भी दुखाने
दिन आ जायेंगे जैसे तुम चाहो जितने स्वर्णिम
मित्रों में वही सुखदाई होते हैं जो होते हैं पुराने
अमृत पाल सिंह 'गोगिया'
No comments:
Post a Comment