A-124 बहुत अच्छे दिन 21.3.16—7.36 AM
बहुत अच्छे दिन जो हमने गुजारे हैं
न कभी हम जीते थे न कभी हारे हैं
तुमने जो भी दिया खेल जिंदगी में
हम रहे तो केवल उसी के सहारे हैं
जिंदगी में कठिनाइयाँ भी खूब रहीं
पैगाम तेरे हमने वैसे ही निस्तारे हैं
तुमने जो भी दिया मुझे पसंद रहा
हमने तो उसी में हर पल संवारे हैं
सूखा-गीला सबकुछ देखा है हमने
तेरी रज़ा में दिन भी अच्छे गुज़ारे हैं
तेरे हर दिए का एहसास बहुत है
तुमने जो दिया वही दिन हमारे है
शुक्र है तेरा कि तुम मेरे पिता हो
कैसे दृष्टि है कि हम तेरे प्यारे हैं
किसी बात की चिंता न डर कोई
तू मेरा है हम तो बस तेरे सहारे हैं
चढ़दी कला में हूँ तेरा ही सहारा है
मद्द मस्ती के रंग भी सारे तुम्हारे हैं
बहुत अच्छे दिन जो हमने गुजारे हैं
न कभी हम जीते थे न कभी हारे हैं
Poet: Amrit
Pal Singh Gogia “Pali”
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