कभी लौट के आना मेरी जिन्दगी में
एक एक पल, का हिसाब मिलेगा
कितना तनहा कितना बेकरार हुआ
हर पल, और हर बार मिलेगा
तेरे बिना जिन्दगी क्यों इतनी बंझर हुई
हर पल, तुमको बेनकाब मिलेगा
बहुत ढूँढा तुमको तेरे जाने के बाद
इसका एक एक, सवाल मिलेगा
लहू जो निकला उस हसरत तक
इसका एक एक, निशान मिलेगा
लिखना मज़बूरी रही इस हादसे की
वरना जिक्र, भी कभी कभार मिलेगा
गर तूँ लौट के न आयी इस जिंदगी में
हर गली नुक्कड़ पे, इश्तिहार मिलेगा
मत भूल कि तूँ ही मेरी कविता है
इसका भी तुमको खिताब मिलेगा
मत बन मुखबिर तूँ इस हादसे की
"पाली" भी तुमको जार जार मिलेगा
कभी लौट के आना मेरी जिन्दगी में
एक एक पल का हिसाब मिलेगा..…..
एक एक पल का हिसाब मिलेगा
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
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