Sunday 11 September 2016

A-015 रात अभी बाकी है 25.1.16—2.54 AM

 रात अभी बाकी है  25.1.16—2.54 AM

रात अभी बाकी है संवाद अभी बाकी है 
थोड़ा इन्तज़ार कर शराब अभी बाकी है 

पैमाना हाँथ में लिए देख रहा है साकी 
थोड़ी और तलब इज़हार अभी बाकी है 

हुस्ने महफ़िल में जवानी की तलब है 
थोड़ा सब्र कर दीदार अभी बाकी है 

सज़कर आएगी रात नज़ाकत के संग 
सजा ले महफ़िल इंतज़ार अभी बाकी है 

तूँ और तेरा हुस्न तस्दीक किये जाते हैं 
मगर तेरे आने का इकरार अभी बाकी है 

चाँद तारे मशरूफ हैं अपने ही गगन में 
पहर भी सरकता निशान अभी बाकी है 

धीमी सी दस्तक हुई लगती है अभी 
सुबह होने का फरमान अभी बाकी है

रात अभी बाकी है संवाद अभी बाकी है 
थोड़ा और इन्तज़ार शराब अभी बाकी है 

Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

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