A-219 तेरे शहर ने 9.12.16--6.21 AM
तेरे शहर ने मुझे यूँ बदनाम किया
प्यार को मुन्नी बाई का नाम दिया
हम तो प्यार की लौ लेकर आये थे
इन्होंने प्यार को भी बदनाम किया
तेरे शहर ने मुझे यूँ बदनाम किया
हम तो लोगों का दर्द समेट लेते थे
लोग पता नहीं क्या समझ लेते थे
दिलों की मरम्मत का काम किया
इन्होंने फिर भी यह अंज़ाम दिया
तेरे शहर ने मुझे यूँ बदनाम किया
हम तो तेरी खातिर ही यहाँ आये थे
तुमको देख थोड़ा क्या मुस्कराये थे
तोहमतें लगा लगा इंतकाम लिया
तेरे शहर ने मुझे यूँ बदनाम किया
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
No comments:
Post a Comment