A-267 आज मौक़ा मिला 26.4.17--6.22 AM
आज मौक़ा मिला मुझे तेरे क़रीब आने का
क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी
लगने लगा कि मेरा सपना तो अब पूरा हुआ
ज़िन्दगी के विराने में एक हसीं शाम आ गयी
ख़ूब गुज़रेगी अपनी रैना सुनहरे सपनों के बीच
सपने हसीन होने की वजह मेरे काम आ गयी
चलो चले अब ज़िन्दगी की किसी नयी डगर पे
रात गुज़र चुकी और तदबीर भी काम आ गयी
तेरे हसीन गालों के छूकर हम जो विचलित हुए
हँसी फ़वारों के बीच वो मोहलत काम आ गयी
बड़ा गरूर हुआ है मुझे अपनी ही लयाकत पर
अपने होने के एहसास की हसीं शाम आ गयी
वो हसीन पल जो मकबूल किया तेरे जेहन ने
तेरी वादों के बीच एक अज़ब अज़ान आ गयी
आज मौक़ा मिला मुझे तेरे क़रीब आने का
क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी
क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
Very nice
ReplyDeleteThank you so much Sir for your appreciation!
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