Tuesday 25 April 2017

A-267 आज मौक़ा मिला 26.4.17--6.22 AM

A-267 आज मौक़ा मिला 26.4.17--6.22 AM

आज मौक़ा मिला मुझे तेरे क़रीब आने का 
क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी 

लगने लगा कि मेरा सपना तो अब पूरा हुआ 
ज़िन्दगी के विराने में एक हसीं शाम आ गयी 

ख़ूब गुज़रेगी अपनी रैना सुनहरे सपनों के बीच 
सपने हसीन होने की वजह मेरे काम आ गयी 

चलो चले अब ज़िन्दगी की किसी नयी डगर पे 
रात गुज़र चुकी और तदबीर भी काम आ गयी 

तेरे हसीन गालों के छूकर हम जो विचलित हुए 
हँसी फ़वारों के बीच वो मोहलत काम आ गयी 

बड़ा गरूर हुआ है मुझे अपनी ही लयाकत पर 
अपने होने के एहसास की हसीं शाम आ गयी

वो हसीन पल जो मकबूल किया तेरे जेहन ने 
तेरी वादों के बीच एक अज़ब अज़ान आ गयी 

आज मौक़ा मिला मुझे तेरे क़रीब आने का 
क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी 

क़रीब आते ही मेरी ज़िन्दगी में जान आ गयी 


Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

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