मेरा प्यार मुझसे जुदा हो गया
हाय! ये मेरे साथ क्या हो गया
बड़ी शिद्दत से पाला था इसको
हर पल में संभाला था जिसको
दिल की हर धड़कन में बसा था
धड़कन को धोखा कहाँ हो गया
मेरा प्यार मुझसे जुदा हो गया
हाय! ये मेरे साथ क्या हो गया
बड़ी बेरहमी से मेरे क़रीब आए
ये बताने कि लो समझ आ गया
मिलन होता है जुदाई का नग़मा
लो इस नग़मे का समय हो गया
मेरा प्यार मुझसे जुदा हो गया
हाय! ये मेरे साथ क्या हो गया
कैसे भूल जाऊँ कुछ है ही नहीं
कैसे एकदम ख़याल आ गया
हक़ है उनको नख़रे जताने का
नख़रे में कहाँ दिमाग सो गया
मेरा प्यार मुझसे जुदा हो गया
हाय! ये मेरे साथ क्या हो गया
हैरान हूँ उनकी तबियत जात पर
कैसे उनको ये मलाल हो गया
एक पल मुझसे ज़ुदा न होते थे
उनके ख़्यालों को क्या हो गया
मेरा प्यार मुझसे जुदा हो गया
हाय! ये मेरे साथ क्या हो गया
Poet: Amrit Pal Singh Gogia ‘Pali’
Very nice
ReplyDeleteThank you so much sir for you inspiration & comments all the time! You inspire me!
DeleteExcellent!!!!!
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation!
DeleteSo nice....
ReplyDeleteEsa lag raha hai...esa aapke sath hua hai...or recently hua hai....
aap pure ghus jate ho character me (While writing..)
Inspiration for me...How to do work in few areas...Just get into it.
Thank you so much for your such a wonderful comments! It inspires me! Kindly let me know your name with contact no. ! It will be my pleasure to have you on my list1
Deleteextraordinary
ReplyDeleteThank you so much! Dr. saheb! You inspire me!
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