झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
बन के रहो अपने या रहो बेगाने
तरन्नुम में रहो गाकर वही तराने
रिश्ते तो केवल पड़ते हैं निभाने
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
मोती से जड़ो या जड़ दो नगीना
संतुष्ट न होगी कभी कोई हसीना
तरन्नुम में गाओ बेशक वही तराने
रिश्ते तो केवल पड़ते हैं निभाने
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
यौवन की उलझन है ये मयकदा
इससे दूर रहो या पास रहो सदा
फ़िदा तुम हुए वो तुम पर फ़िदा
पूछता नहीं हैं तुमसे ये मयकदा
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
तुम उससे कितना प्यार करते हो
इज़हार कर के इकरार करते हो
यह प्यार नहीं इकरार बोलता है
इकरार भी नहीं हिसाब बोलता है
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
वायदों की लड़ी भी तुमने लगायी
तुम देखना किस हद तक निभाई
फिर भी ज्वालामुखी तैयार बैठा है
तुम कहते हो तुम्हारा प्यार बैठा है
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
समझने को समझते हो सबकुछ
नहीं रहा जो कहने को अब कुछ
कितनी घुटी-घुटी बात करते हो
और कहते हो इजहार करते हो
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
लाख कहो कि वो तेरा है सगा
मतलब नहीं निकलता है लगा
तेरी ही माशूकी है तेरे ही तराने
लगे हो कुछ कहने और सुनाने
झूठी है जिंदगी झूठे हैं ये पैमाने
मायने भी तुमको पड़ते हैं बताने
Poet: Amrit Pal Singh Gogia ‘Pali’
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