ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
किसका मतलब कहाँ रह गया
जैसे खून बहा बन्जारों का
रक्त रंजीत जब शहीद हुए
क्या हुआ उनके परिवारों का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
रक्त रंजित जब शहीद हुए
क्या हुआ माँ के राज दुलारों का
उनकी व्यथा कौन सुने
पापा के बच्चे प्यारे का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
हर बचपन रंग भरा करता था
जोश उमंग हुआ करता था
कौन सी पतवार किधर ले गयी
क्या हुआ उन अँगारों का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
जिनकी जिंदगी छलनी हो गयी
सिंदूर छिना हज़ारों का
सूनी मांग की लाज़ कौन रखे
क्या हुआ उत्तम विचारों का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
माँ का आँचल अब भी गीला
सूखे नयन भ्रम दीदारों का
दिल की धड़कन कौन बने
क्या हुआ उनके प्यारों का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
शाषक बदले शाषन वही है
राज हुआ केवल नमस्कारों का
सब भक्षक मिल खाये खाजा
शोषण हुआ हज़ारों का
ढूँढ रहा हूँ मतलब अब भी
आज़ादी के नारों का
Poet: Amrit Pal Singh Gogia
Ek ek katra khoon ka jb , desh k kaam aa jayega !!!!
ReplyDeleteHo jayega amar wo , Jo desh pe kurban ho jayega !!!
Jay Maa Kali !!! Jay Maa Bhavani !!!!
Nice Poem Sir...
Bharat Mata Ki Jai..Vande Matram
Thank you Devesh for you appreciation!
DeleteVery heart touching lines, Really beautiful lines.
ReplyDeleteमैं भारत माता हूँ
ReplyDeleteइतने व्यस्त हो गए तुम, कि तुम्हारा देशप्रेम साल में 2 बार जगता है
उन सैनिकों के बारे में सोचो, जिनके जीवन का पल-पल देश के लिए लगता है
कोई देश के लिए शान से मरता है………….
और एक तुम हो, जिसे देश के लिए जीना भी मुश्किल लगता है ?
जय हिंद।
बहुत खूब , धन्यवाद सिलसिला आगे बढ़ने के लिए !
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