एक नृत्य है छोटी सी मुस्कान है
नयन मतवाले उसकी पहचान हैं
धूमिल सी बदली वर्षा बहार है
श्रावण लीला उसका आधार है
एक हया है और वही पहचान हैं
बहुत शर्मीली हैं मग़र सम्मान है
स्वप्न मुस्कुराते हुए बल खाते हैं
एक ही निशाने से मार गिराते हैं
ज़िंदगी के बहुत सारे हिसाब हैं
कुछ अनसुलझे उनके जवाब हैं
प्यार सा है खूबसूरत नज़ारा है
जीने का अंदाज़ वही सहारा है
सपना और सपने की उड़ान है
आत्म विश्वास की मुस्कान है
गहरा समन्दर है ऊँची लहरें हैं
बुलंद आवाज़ सपने सुनहरे हैं
ख़्वाब है ख़्वाबों की मंजिल है
आँखों में ह्या थोड़ी संगदिल है
कुछ बीते पल हैं कहानियाँ हैं
उनके साथ रहना नादानियाँ हैं
अश्रु धारा का आता सैलाब है
उमड़ आता है प्यार वो आब है
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
Nice poem
ReplyDeleteVery good. God bless you.
ReplyDeleteI like it.
ReplyDeleteHuman feeling and acts are beautifully described in a poetry by Gogia ji
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