शमशान में भी मातम छा गया है
गलियां भी हो गयीं नीरस-नीरस
जैसे कोई उनके बीच आ गया है
कोरोना अकेला ही लगा हुआ है
बिमारी का अब मंदा आ गया है
गाड़ियां भी रुकी हुई हैं हरतरफ़
लगता सब कुछ डगमगा गया है
अब तो वो भागकर भी नहीं आते
लगता विराना इनको डरा गया है
सहमा-सहमा सा माहौल है आज
और आज हर कोई घबरा गया है
मुख पर मास्क हाथ में सैनिटाइज़
दोनों का सुनहरा वक़्त आ गया है
कुछ लोगों ने अपना धंधा है छोड़ा
राहजनी को यही धंधा भा गया है
गम नहीं मौसम को भी बदलना है
अब बदलने का मौसम आ गया है
'पाली' तुमने घबराना नहीं है अब
सन्नाटा बहुत कुछ समझा गया है
अमृत पाल सिंह 'गोगिया'
👌👌
ReplyDeleteएक दम स्टिक बात कही है। कॅरोना के चलते किसी का इस ओर ध्यान ही नही गया।
ReplyDeleteThanks for being so authentic.
ReplyDeleteਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਜੀ ਵਾਕਈ ਇਹ ਸੰਨਾਟਾ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਸਿੱਖਾ ਗਿਆ ਜਿੰਦਗੀ ਭਰ ਚੁਕੱਨੇ ਲਈ
ReplyDelete