Friday 5 June 2020

A-516 शमशान 5.6.2020-8.42 PM

भला यह कैसा समय आ गया है 
शमशान में भी मातम छा गया है 
गलियां भी हो गयीं नीरस-नीरस 
जैसे कोई उनके बीच आ गया है 

कोरोना अकेला ही लगा हुआ है 
बिमारी का अब मंदा आ गया है 
गाड़ियां भी रुकी हुई हैं हरतरफ़  
लगता सब कुछ डगमगा गया है 

अब तो वो भागकर भी नहीं आते 
लगता विराना इनको डरा गया है 
सहमा-सहमा सा माहौल है आज  
और आज हर कोई घबरा गया है 

मुख पर मास्क हाथ में सैनिटाइज़
दोनों का सुनहरा वक़्त आ गया है 
कुछ लोगों ने अपना धंधा है छोड़ा 
राहजनी को यही धंधा भा गया है 

गम नहीं मौसम को भी बदलना है 
अब बदलने का मौसम आ गया है 
'पाली' तुमने घबराना नहीं है अब 
सन्नाटा बहुत कुछ समझा गया है

अमृत पाल सिंह 'गोगिया'

4 comments:

  1. एक दम स्टिक बात कही है। कॅरोना के चलते किसी का इस ओर ध्यान ही नही गया।

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  2. ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਜੀ ਵਾਕਈ ਇਹ ਸੰਨਾਟਾ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਸਿੱਖਾ ਗਿਆ ਜਿੰਦਗੀ ਭਰ ਚੁਕੱਨੇ ਲਈ

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