Saturday 6 June 2020

A-517 अहंकार 7.6.2020-10.37 AM

बन्दे अब कैसे करेगा तू अपनी अहंकार की बात 
एक विषाणु ने दिखा दी तुमको तुम्हारी औकात 
तुम उसकी गिरफ़्त में रहे हो यह तो मालूम भी है 
फिर भी बातें ऐसे करते हो जैसे मामूली सी बात 

तुम्हारी हर रात भयावह बना रखी है इसी डर ने 
न सोते बने न जागते बस है यह करवट की रात 
फिर भी बघाड़ते हो ऐसे जैसे कुछ हुआ ही नहीं 
बताते हो तो चलो यह भी है एक अच्छी सी बात 

डर से डर का मुकाबला हो ही नहीं सकता कभी 
तुम इसको स्वीकारो पहले बिना किसी जज़्बात 
रास्ते खुलेंगे जब इसके साथ कदम भी उठाओगे 
तुम साहसी जिम्मेवार बनो, सुधर जायेंगे हालात  

अमृत पाल सिंह 'गोगिया'

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