मैं तो रोया था गले लग जाने के लिए
आप ने सीने से लगाया और दूध पिला दिया
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
मेरे रोने का आप के दूध से
मैं तो मुस्कुराया था कि मैं नंगा हूँ
आपने तो आलिंगन में ले लिया
चुम्बनों की बौछार ही लगा दी
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
मेरी मुस्कुराहट का आपके चुम्बन से
मैं तो रूठ गया था कि
अब कभी बात भी नहीं करूँगा
आपने प्यार दिखाया मुझे मनाया
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
मेरे रूठने का आपके मनाने से
मैं तो भूखा ही सो गया था
आपने उठाया और मुझे मनाया
खाना भी खिलाया और फिर सुलाया
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
नींद से उठाकर खाना खिलाने से
मैं तो थका-थका आया था
चेहरा बहुत मुरझाया था
आपका चेहरा क्यों मुस्कुराया था
तरोताज़ा कर दिया आपकी मुस्कान ने
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
मेरी थकान का आपकी मुस्कान से
मैं तो भागा था आपके डर से
और आगे बढ़कर आपने लपक लिया
गले से ही लगा लिया
यह कैसा सम्बन्ध है माँ
मेरे डर का आपके गले लगाने से
यह कैसा सम्बन्ध है माँ…..
अमृत पाल सिंह 'गोगिया'
👌👌
ReplyDeleteਮਾਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਮਾਂ.... ਬੱਸ ਵਾਕਈ ਮਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਰੋਲ ਦਾ ਕੋਈ ਅੰਤ ਨਹੀਂ
ReplyDeleteਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਜੀ
बहुतख़ूब।
ReplyDeleteVery very good
ReplyDeleteJs Bsjsj
ReplyDeleteBajaj
ReplyDelete,🙏💐💐
ReplyDeleteVery good sir jee
ReplyDeleteKhya khoob wah wah
ReplyDelete