Sunday 12 February 2017

A-237 बहुत घमंड है 13.2.17--6.27 AM

A-237 बहुत घमंड है 13.2.17--6.27 AM

बहुत घमंड है  
बहुत घमंड है मुझे धनवान होने का 
कोई गम नहीं अब ईमान खोने का 
सच सामान की बेड़ी छोटी हो गयी 
बड़ी नाव भरी बहुत सामान ढोने का 

बहुत घमंड है 
अपनी पढाई लिखाई बेईमान होने का 
अपनी कुर्सी और पद्द पहचान होने का 
फरमान अपने भी खूब चलते हैं "पाली" 
संकोच नहीं अब न रहे इंसान होने का 

बहुत घमंड है 
सुन्दर काया बलिष्ठ निर्माण होने का 
बाहुबली कद की काठी मान होने का 
दूसरों को रौंद अपनी काठी सजाकर 
बलिष्ठ होने का मन बेईमान होने का 

बहुत घमंड है 
सुन्दर वेशभूषा गहने व ब्रांड होने का 
सुन्दर नारी परिचय पहचान होने का 
औरों को कुचल खुद धनवान बनकर 
ऊँची पहुँच वर्चस्व के निदान होने का 

बहुत घमंड है 
न कर घमंड 'पाली' तू ईमान खोने का 
उठ जा, उठकर देख नुक्सान सोने का 
चाहत तेरी भी है एक इंसान बन जाऊँ 

फिर कैसा इंतज़ार व फरमान होने का 

Poet: Amrit Pal Singh 'Pali'

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