Friday 20 April 2018

A-359 बेख़ौफ़ 19.4.18–9.05 AM

A-359 बेख़ौफ़ 19.4.18–9.05 AM

अब तो पीने से भी शरूर आता नहीं 
वो आ जायें तो दिल को क़रार आ जाये 

उनकी क़दमों की आहट में वो जादू 
सुन सकूं ग़र मैं दिल को प्यार आ जाये 

पायल उनकी खनके तरन्नुम में जब 
संगीत को बरबस उनकी याद आ जाये 

ढूँढते रहे सहरा में मिल जाए उन सा 
दिल की ठंडक बन ठंडी ब्यार आ जाये 

उनके होने में सारा जहां सिमट जाये
गले लग जायें तो सिमट बहार आ जाये 

बेख़ौफ़ होकर चल अब तू भी “पाली”
गले लगने को खुद तेरी सरकार आ जाये 



Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

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2 comments:

  1. उसकी याद हमें बेचैन बना जाती है,
    हर जगह हमें उनकी सूरत नज़र आती है,
    कैसा हाल किया है मेरा आपके प्यार ने,
    नींद भी आती है तो आँखे बुरा मान जाती है।

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