Saturday 23 January 2016

A-103 एक सच्ची कहानी 23.1.16—3.25 AM

A-103 एक सच्ची कहानी 23.1.16—3.25 AM 

एक तो सच्ची कहानी 
दूजी अपनी मन मानी 
एक में परम सुख है 
दूजे में घना दुःख है 

एक में प्यार का रुख है 
उसमें जीवन का सुख है 
वही मृदुंग की ताल है 
वही तो सारा कमाल है 

वही नयन तारे हैं 
वही माँ के दुलारे है 
वही माँ का स्पर्श है 
वही पिता का संघर्ष है 

वही तुम्हारी अभिव्यक्ति है 
वही तुम्हारी पूर्ण शक्ति है 
वही दिशा का ज्ञान है 
वही तुम्हारा सम्मान है 

दूजा बना अभिमान है 
बन गया  प्रमाण है 
उसमें तीर कमान है 
निशाने पर ईमान है 

सुख अतीत हो आया है 
बन के खंडहर छाया है 

अभिमान की आन रखी 
जीतेंगे मन में ठान रखी

यह भी एक षड़यंत्र है 
जीतने का एक तंत्र है 
अपनों से हार जाना ही 
जीतने का मूल मंत्र है 

जिम्मेदारी लो गर अपने होने की 

ज़िन्दगी बन जाये तुरंत सोने की 
Poet: Amrit Pal Singh Gogia "pali:

No comments:

Post a Comment