Friday 31 August 2018

A-391 माँ बेटी 30.8.18-- 12.20 AM

अंग्रेज़ी में आप को, तुम की बिमारी नहीं है 
न नारी छोटी है और पुरुष दुराचारी नहीं है 
आप और तुम से बहुत दूर निकल गए वो 
इसीलिए वहाँ पुरुष नारी पर भारी नहीं है 

हमने अंग्रेजी सीखी है, दुलत्ती भी चलाई हैं 
इज्जत नहीं करने में भला, कैसी भलाई है 
खुद को इंसान समझ न, क्या संकीर्णता है 
इज्जत नहीं करना, किस बात की दुहाई है 

हमें जब गौरव प्राप्त है झाँसी की रानी का 
पानी पिला पिला मारा किस्सा मर्दानी का 
देविओं को पूजा जो शक्ति की निशानी है 
उनका ही विनाश करें यह कैसी नादानी है 

पैर धोये कंजक पूजें नत्मस्तक कहानी है 
उसी बेटी का वध करें तब होती हैरानी है 
माँ की कोख ही जब सूनी होने लगे यारों 
चिंतन क्यों न करे तो यही तो परेशानी है 

लुट जाये स्वर्ण मंदिर जब अपने ही हाथों 
किस मंदिर की बात कैसी भला कहानी है 
बेटी नहीं तो माँ कौन बनेगा सोचा है कभी 
कहाँ मिलेगा तीर्थ मेरी तो यही परेशानी है 

माँ की पूजा से बड़ा तीर्थ नहीं जाना कोई  
बाकी सब ढोंग है पूजा मन की बेईमानी है 
टूट जायेगा रिश्ता जो तार तार होकर कहीं 
कहाँ मिलेगा ये रिश्ता जो इतना रूहानी है 

नारी के हर महत्व को सदियों ने पहचाना है
तभी तो नारी को शक्ति कहकर ही जाना है 
जय दुर्गे जय लक्ष्मी कोई काली दीवाना है 
फिर भी नारी का गला हमने क्यों दबाना है 

हमने औने-पौने में में अनुपात हिला डाला है 
बढ़ते अनुपात के पीछे औरत का घोटाला है 
औरत ही बन गयी जब औरत का निवाला है 
तो सोचो कैसे निकला सृष्टि का दिवाला है

वक़्त है अगर अब भी हम कहीं संभल जाएं 
अपनी नस्ल के संग हम खुद को बचा पाएं 
हमने अपनी किस बेटी की किस्मत बनाई है 
अरे वो तो अपनी किस्मत के संग ही आयी है 

अरे वो दुर्गा है सरस्वती है सिर पर भार नहीं 
उसको सिर्फ प्यार चाहिए दो तिरस्कार नहीं 
अपना रास्ता अपना कद वो खुद तय करेगी 
खुलने दो पंख उसके हो न जाये संहार कहीं 

इतनी सी बात भी गर तुम कहीं समझ जाओ 
न खुद भटक बहन न औरों को तुम भटकाओ 
अनुपात बिगड़ने से रह गए अब लाखों कुंवारे 
कुदरत पर दया करो और खुद पे तरस खाओ 

नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी बेटी के हत्यारों 
भटकते फिरोगे मारे मारे गलियों और चौबारों 
बेटी बिना घर भी घर नहीं होता समझे ‘पाली’ 
बेटी को गले लगा लो वर्ना रह जाओगे खाली 


Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

4 comments:

  1. बेहद खूबसूरत अंदाज़ है आपके इस प्रयास मैं
    हर एक पंक्ति अपने मैं एक पूर्ण प्रश्न और उत्तर
    समेटे है। बेटियों के प्रति हर इंसान की सोच को
    बदलने का आप का प्रयास काबिले तारीफ़ है।
    बधाई।

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