तू कहे तो तुझको प्यार करूँ
परवाना बन तेरा दीदार करूँ
तमन्ना तेरी पूरी हो जाये गर
प्यार का थोड़ा इज़हार करूँ
तेरी जुल्फों की तारीफ़ करूँ
घटा घनघोर भी सुमार करूँ
तेरी घनी जुल्फों के साये में
तेरे आने का मैं इंतज़ार करूँ
सुनहरे पल मैं पिरोता फिरूँ
उन पलों का मैं दीदार करूँ
उन पलों में तेरी ही चर्चा हो
उनका केवल इज़हार करूँ
तेरे नग्में भी सुबहानअल्ला
तेरे नग्मों का गुणगान करूँ
नग्मों की मस्ती छायी रहे
नग्मों का मदिरा पान करूँ
पलक झपके गुम हो जाते हो
पलकों पर कैसे ऐतबार करूँ
आँखों से ओझल गर हो जाओ
खुद पर कैसे मैं ऐतबार करूँ
प्यार के बदले क्या दूँ तुमको
प्यार से प्यार का इज़हार करूँ
प्यार पर मैं न्योछावर हो जायूँ
अपनी जान का मैं निसार करूँ
अपनी जान का मैं निसार करूँ
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
👌👌👌 beautiful
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