तेरी बातों का स्पर्श भी बहुत कुछ कह गया
कुछ तेरे दिल का दर्द कुछ मैं खुद सह गया
तेरी अदाओं का स्पर्श बेशक सुदूर ले गया
पर बंद आँखों में एक सपना जरूर दे गया
इक तो तेरा साथ व् हाथों में हाथ रह गया
और मैं गर्मजोशी से अपनी बात कह गया
तेरे हाथों का स्पर्श मुझे बहुत दूर ले गया
कई शहरों में घूमा पर अपना गरूर दे गया
मोहब्बत में साथ होना भी तो एक जश्न है
हमारा साथ होना भी आपका ही टशन है
चाहे जितना भी शरारती होठों का ग़रूर है
मेरा भी साथ होना ही तो तेरा यह शरूर है
जब धुन हो जज़्बाती और नयन भी शराबी
नहीं रोक पायूँगा चाहे कैसी भी हो खराबी
तेरे श्वासों का स्पर्श मुझे प्रसन्न कर गया
उसके बिना जीना दूभर अवसन्न कर गया
दिल की तमन्ना ने तन्मयता से जोड़ दिया
हमने स्वयं का जीवन तुझपे ही छोड़ दिया
Poet: Amrit Pal Singh ‘Gogia’
Very well said.God bless you.
ReplyDeleteThank you so much Sangha Saheb!
ReplyDeleteउनका मिलना भी एक खूबसूरत कहानी होगी
ReplyDeleteउनका प्यार पाना ही ज़िन्दगानी होगी
मुस्कुराहट भी उनके दमसे से होगी
अगर वोह दर्द भी दें तो उनकी मेहरबानी होगी
आप भी खूब लिखते हैं अरोरा साहब! आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
DeleteExcellent ...
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