तेरा साथ प्यारा लगता है, ये एहसास प्यारा लगता है
खुशबू तेरे तन बदन की, तेरा अंदाज़ प्यारा लगता है
तू कहे पवन हो जाऊँ मैं, तू कहे अगन हो जाऊँ मैं
सर्द रातों की कौन कहे, तू कहे तो बर्फ हो जाऊँ मैं
सांसे रोके न रुकेंगी तेरी, सांसो की माला मैं ही हूँ
दिल की धड़कन और उसका शिवाला भी मैं ही हूँ
होंठ न दबाओ दाँतो तले, यह एहसास भी मैं ही हूँ
न छिपाओ होंटो की लाली वो रंगसाज़ भी मैं ही हूँ
दाँतों पे न इतराओ इतना वो बत्तीसी क्यारी मैं ही हूँ
हंसी कर जो दाँत दिखाते हो वो शान दुलारी मैं ही हूँ
जिह्वा को फुदकाओ जितना, ये जुबान सरीखा मैं ही हूँ
तू लाख रोके दाँतो तले, विचारों का जख़ीरा भी मैं ही हूँ
श्रवण कला को खूब समझ वो झंकार प्यारी मैं ही हूँ
ये सरगम, संगीत, ये नज़ारे ये साज़ सवार भी मैं ही हूँ
गर्दन तेरी जाम का प्याला, इसका कुम्हार भी मैं ही हूँ
न अकड़ा तू सुराही को इस जाम का लिवाल मैं ही हूँ
उफ़! न डालो कंधो पे बोझ यह छोटी सी जान भी मेरी है
झुकना तेरा मंजूर नहीं क्योँ कि पहचान भी तू अब मेरी है
तेरी सुंदरता ये तन बदन तेरी बाँहों की अंगड़ाई भी मेरी है
न इतराओ तुम दूर रहकर ये पकड़ तेरी कलाई भी मेरी है
सुन्दर उभार रूप सा निखार, पर्वतों की ऊँचाई भी मेरी है
करीब आओ ढूँढ लो मुझे यह मौसम ये शहनाई भी मेरी है
दो राहों में क्यों उलझ गए आखिर ये मंजिल भी मेरी है
हर मंजिल पर मुझे पाओगे कि यह रहनुमाई भी मेरी है
तेरा साथ प्यारा लगता है, ये एहसास प्यारा लगता है
खुशबू तेरे तन बदन की, तेरा अंदाज़ प्यारा लगता है
Poet: Amrit
Pal Singh Gogia “Pali”
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Such a beautiful expression of love touching the hearts
ReplyDeleteSuch a beautiful expression of love touching the hearts
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