Thursday 7 July 2016

A-089 न गुजारा हो अमीरों का 7.7.16—10.25 PM

A-089 न गुज़ारा हो अमीरों का 7.7.16—10.25 PM 

न गुज़ारा हुआ अमीरों का 
न गुज़ारा हुआ गरीबों का 

न मध्य वर्गीय परिवार का 
न आपके किसी यार का 

गुज़ारा उनका भी नहीं हुआ 

जो बहुत बलिष्ठ कहलाते हैं 
या ख़ुद को कमजोर बताते हैं 

जो बड़े वृद्ध विद्वान हो गए 
जो बन बुद्धू किसान हो गए 

जो स्वयं ही भगवान् हो गए 
जो बलपूर्वक शैतान हो गए 

कुछ लोग जो ईमान हो गए
जिनके साथी बेईमान हो गए  

सधे हुए शिल्पकार हो गए 
सधे सधे अदाकार हो गए 

जो राजे बन धनवान हो गए 
पंडित अहंकारी महान हो गए 

कुछ दानवीर जजमान हो गए 
कुछ क्रन्तिकारी कुर्बान हो गए 

गुज़ारा उनका होता है जो गुज़ारा करते हैं 
रूखी सूखी होने का प्रभु शुक्राना करते हैं 

ख़ुद भी खाया औरों को भी खिलाते रहते हैं 
दूसरों की ख़ुशी में ख़ुद ही मुस्कुराते रहते हैं 

Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

You can also visit my other blogs
Hindi Poems English Version: www.gogiahindienglish.blogspot.in
Hindi Poetry Book-“Meri Kavita Mera Sangam” Available at Snap Deal






No comments:

Post a Comment