A-200 जरुरी तो नहीं 4.1.18--4.10 AM
जरुरी तो नहीं कि
हर ज़ख्म कपड़े से ढका जाये
कुछ ज़ख्म दिखाने भी होते हैं
ज़ख्मों की इतनी फ़िक्र न कर
कुछ ज़ख्म जिलाने भी होते हैं
कुछ नये होंगे कुछ पुराने होंगे
कुछ छिपाने कुछ दिखाने होंगे
तन्हाई में दम घुटने लगेगा जब
उनके साथ ही निभाने भी होंगे
कुछ दर्द छिपाने के लिए होंगे
कुछ दर्द निशाने के लिए होंगे
कुछ दर्द ऐसे जो अच्छे लगेंगे
कुछ गले मिलाने के लिए होंगे
दुनिया वालों ने जो ज़ख्म दिए
उनकी भी अपनी ही फेहरिस्त है
कुछ के हिसाब चुकता हो चुके
कुछ के हिसाब चुकाने भी होंगे
मलाल न कर ये बुरे नहीं होते
अपनों में भी फ़र्क बता देते हैं
अपनों में जो गैर छिपे होते हैं
उनका मुखड़ा भी दिखा देते हैं
"पाली"
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