दर्द और रिश्ते का रिश्ता भी कमाल है
गर मिल जाये तो करिश्मा है धमाल है
रिश्ते नए हों या पुराने हों
विनती से बने अनजाने हों
चाहे जितने फूल खिले हों
जितने भी मंसूर मिले हों
जब तलक कोई अपना है
तब तक सुनहरा सपना है
जब कोई जुदा हो जाता है
खालीपन बहुत सताता है
हर पल भारी हो जाता है
जीवन कहाँ छिप जाता है
समां जो काटे कटता नहीं
जीना भी दूभर हो जाता है
मोहब्बत के दिन चार करो
ज़िंदगी का न निर्वास करो
मत काटो न दिन तन्हाई में
मत तरसो न फिर जुदाई में
बदले की आदत में दम नहीं
जो हो चूका उसका ग़म नहीं
जैसा है वैसा स्वीकार करो
एक बार करो हर बार करो
उनसे केवल प्यार करो.......
उनसे केवल प्यार करो
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
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