A-191 तेरा करीब आना 28.2.16—8.00 AM
तेरा करीब आना और फिर मुस्कराना
तेरा करीब आना और फिर मुस्कराना
नज़रें करीब लाना और मुझको बुलाना
थोड़ा सा प्यार करना थोड़ा सा जताना
खामोश निगाहों से देखना और चुराना
अच्छा लगता है…..!
जुल्फों को सवाँरना मुझको पुकारना
जुल्फें उड़ती जाना उनको सम्हालना
माँग टेढ़ी होना और लटों को लटकाना
चेहरे झटकना फिर लटों को झटकाना
अच्छा लगता है…..!
कभी खामोश होना कभी खिलखिलाना
कभी मुझको बुलाना और दूर भाग जाना
कभी मौन हो जाना कभी खुद ही बताना
दूर खड़े होकर भी धीरे धीरे से मुस्कराना
अच्छा लगता है…..!
आँखें मूँद लेना कहीं और चले जाना
वापस आना तो फिर हौले से मुस्काना
खो गयी थी कहकर खुद ही समझाना
आँखें बंद कर खुद ही गले लग जाना
अच्छा लगता है…..!
होठ गुलाबी होना थोड़ा सा शराबी होना
नयन कटीले होना भृकुटी मेहराबी होना
खुला इज़हार करना दिल बेक़रार होना
प्यारा सा चुम्बन और फिर बेशुमार होना
अच्छा लगता है…..!
Poet; Amrit Pal Singh Gogia "Pali"
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