Thursday 30 July 2015

A-188 मेरे पास तेरी क्यूँ का कोई जवाब नहीं है 18-6-15 8.30 AM


A-188 मेरे पास तेरी क्यूँ का कोई जवाब नहीं है  18-6-15 8.30 AM


मेरे पास तेरी क्यूँ का कोई जवाब नहीं है
जिंदगी है हकीकत है कोई ख्वाब नहीं है
तेरा वायदा और दर्द बखूबी समझता हूँ
तेरी हर बात की मैं बहुत क़द्र करता हूँ

मेरी ही कमियाँ अब मैंने ही सुधारनी हैं
कोई भी ऐसी बात मैंने नहीं बघारनी है
जो मैं नहीं हूँ वही सच बोलना जरुर है
मैं अच्छा इंसान नहीं हूँ, ये मेरा गरूर है

मैं लौट के आयूँगा जब सुधर जायूँगा
ये गुस्सा ये प्यार सबसे मुकर जायूँगा
जब खरा उतरूंगा तेरी ही कसौटी पर
फिर ये बात मैं हर जीवन में दोहराऊंगा

मुझे जरुरत है अपने आप से लड़ने की
अपनी गलतियों को खुद ही पकड़ने की
मुझे बल चाहिए स्वयं ही कुछ करने की
जिंदगी के हर पहलू पर विचार करने की

तुम बीच में आये तो मैं फिसल जायूँगा
फिर ये बात मैं कैसे तुमको समझाऊंगा
कुछ मेरी भी जिंदगी की कमजोरियां है
ये बात फिर मैं तुमको नहीं बता पायूँगा

स्वीकार नहीं कर पाओगे कमिओं के संग
तरीका है जीवन का और यही है तेरा ढंग
डरता हूँ गायब हो जाये तेरी अपनी उमंग
डरता भी रहूँगा मैं फिर भी रहूँगा तेरे ही संग

पता नहीं जीने के अपने अपने तरीके है
कोई गुमशुदा रहता है कई गम सरीके हैं
कोई रो रो कर अपना जीवन यूँ गँवाता है
कोई हँसता गाता मुस्कराता चला जाता है

मुझे कोई गिला नहीं अब तेरे इस होने में
दर्द होता है मुझे अब तेरे आसूं पिरोने में
माफ़ कर देना मुझे मैं ही तन्हा हो जाऊंगा 
यही एक तरीका है नहीं तो मैं पछ्तायूंगा

मेरे पास तेरी क्यूँ का कोई जवाब नहीं है

जिंदगी है हकीकत है कोई ख्वाब नहीं है ……

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