Monday 25 December 2017

A-085 तेरे होने का एहसास 7.3.16—3.45 AM


A-085 तेरे होने का एहसास 7.3.16—3.45 AM 

तेरे होने का एहसास करवटें बदलता है बदस्तूर
लिहाजा प्यार अभी ज़िन्दा है तेरे जाने के बाद 

दिले रूह अभी भी अक्सर काँप-काँप जाती है 
विदाई का खौफ ज़िन्दा रख तेरे जाने के बाद 

कई रास्ते सिमट गए है ज़िंदगी के मंजिलों के  
ज़िक्र फिर भी ज़िन्दा है तेरे पलट जाने के बाद 

अश्क़ भी अक्सर यूँ थम-थम के चले आते हैं
हार बन जाते हैं सँवर तेरी याद आने के बाद 

मौत भी तत्त्पर है करीब आने को ए जानेमन 
लिहाज़ा मौत भी ज़िन्दा है तेरे जाने के बाद 

"पाली" अब और न ज़िक्र कर इन तन्हाईओं का 
तू भी पलट जा इन रुस्वायिओं के आने के बाद 

तू भी पलट जा इन रुस्वायिओं के आने के बाद


Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”

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