जिंदगी जीने की कला बहुत आसान है
सहज हो जाना ही बनाता एक इंसान है
चिंता करते रहो बेशक हर एक पल की
वही पल पल बनाता इंसान को हैवान है
मेरा सन्दर्भ ही मेरी ज़िंदगी का स्रोत है
गम है खुशी है दोनों से ही ओत प्रोत है
जो चाहा मिला अपने आप के होने में
नहीं मिला कुछ चिंता का भार ढोने में
खोना है तो खुद के मनन में खो जाओ
मनन करते हुए खुद के संग सो जाओ
कितने अश्लील हो खुद समझ पाओगे
फिर नए रास्ते को उपलब्ध हो जाओगे
Poet: Amrit
Pal Singh Gogia “Pali”
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