A-328 न रहे हम 24.10.17--9.04 AM
न रहे हम तो तुम कैसे बात करोगे
कैसे मिलोगे और कैसे याद करोगे
कैसे सुनाओगे क़िस्से व कहानियाँ
कैसे भला तुम फिर इज़हार करोगे
बातों का सिलसिला तो टूटता नहीं
फिर भी तेरा पसीना तो फूटता नहीं
कितनी अरमां दिल में छिपा रखे हैं
उनके बारे भी कैसे तुम बात करोगे
बहुत सारे दिल में अरमान भी होंगे
अरमानों के बहुत फरमान भी होंगे
फरमानों का जिक्र आ जाये अगर
किससे भला कैसे तुम बात करोगे
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