Tuesday 26 December 2017

A-222 न उम्र की तलाश है


A-222 न उम्र की तलाश है
न उम्र की तलाश है 
न ग़मों का ज़िक्र है 
जिंदगी रहनुमा है 
उसी का फ़िक्र है 

न उसको ढूंढ पाये 
न हम ख़ुद देख पाये  
मैं बाहर ढूँढता रहा 
वह अंदर रहा समाये 

कायनात की झलक को 
देखने आयी है ये दुनिया 
दिखता कुछ भी नहीं है 

आँखें से अंधी ये दुनिया 

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