तू मेरी तो है पर मेरा अधिकार नहीं है
गलती जो हुई है उससे इन्कार नहीं है
आज़मा कर दोबारा देख लेना तू मुझे
जुदा न हो हमारा कोई तकरार नहीं है
सपने हमने भी संग रह कर संजोये हैं
कुछ मोती हमने कुछ तुमने पिरोये हैं
नोक-झोंक झगड़ों से इन्कार नहीं है
यही मेरा प्यार है पर अहंकार नहीं है
ढूँढ लेना तू मुझे जब कभी तन्हा होगी
नींद न आये जब कोई तो वज़ह होगी
तन्हा सफर भी हो और आसार नहीं है
थाम लो न मुझे क्या अधिकार नहीं है
तेरी तन्हाई से दर्द तो मुझे भी होता है
आँखों को करे नम कर को भिंगोता है
माफ़ कर दो मुझे मेरी औक़ात नहीं है
'पाली' तेरा प्यार मामूली बात नहीं है
अमृत पाल सिंह 'गोगिया'
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