Tuesday 26 December 2017

A-229 मुझे अपने चेहरे में 8.1.17--5.25 AM


A-229 मुझे अपने चेहरे में 8.1.17--5.25 AM

मुझे अपने चेहरे में तू नज़र आता है 
तेरा मुस्कराना चेहरा संवर जाता है 
आईना कहीं सामने दिखा तो देखा 
तू तो मेरा हमशक्ल नज़र आता है 

रूपों का बयां भला मैं कैसे करूँ 
मेरा तो रोना ही निकल जाता है 
यह तेरी माया करुणा स्वरुप है 
न दिखे तो तू ही चला आता है 

तेरा रौद्र रूप भी मैंने खूब देखा है 
अकस्मात ही दौड़ा चला आता है 
रक्षा करने की विचित्र माया रची 
दूसरों को गल्त बता है डराता है 





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