A-284 उम्र का तक़ाज़ा 9.6.17--2.26 PM
उम्र का तक़ाज़ा ये प्यार का तबस्सुम
कैसे मिले ये दिल कैसे मिलें हम तुम
मीलों तक नहीं कोई हमारा तुम्हारा
कैसा मुसव्विर कौन सा चित्र हमारा
चाँद तारों के बीच ग़ज़ब कि दूरी है
उनका मिलना भी हर रात ज़रूरी है
मिलकर बिछुड़ते हुए सहमे रहते हैं
न जाने कौन सी कहानियाँ कहते हैं
न मिलता हो सकून तो कैसे बताएं
अपना दुखड़ा किसको कैसे सुनाएं
कैसे कटे रात जब होनी जुदाई हो
कैसे मिले सकून बेशक तन्हाई हो
तन्हा ज़िन्दगी में साथ तुम्हारा हो
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