Tuesday 26 December 2017

A-264 वक़्त को बुरी आदत है 13.4.17--9.06 AM


A-264 वक़्त को बुरी आदत है 13.4.17--9.06 AM
वक़्त को बुरी आदत है भूल जाने की 
उससे न भूलने की थोड़ी बात करें 
कुछ यादें बड़ी अज़ीज़ होती हैं 
भला उनका हम कैसे इंतक़ाल करें 


बुरी आदत है उसको चलते चले जाने की 
उससे थोड़ा कहीं रुक जाने की बात करें 
रुक जाना कहीं किसी पेड़ की छाँव तले 
आ जाओ न थोड़ा मिलकर विश्राम करें 


वक़्त बेवक़्त यूँ हो चला आता है 
बेशर्म से पूछे कोई कैसे बर्दाश्त करें 
थोड़ा आत्मसंयम तो हो 
मिल के बात करे तो हम इकरार करें 


उसका कैसे भला हम एहत्राम करें 
भूलने के लिए तो वक़्त ही काफी है 
चलो उसे ही थोड़ा इस्तेमाल करें 
भूलाने के लिए तो जाम ही काफ़ी है 
भला उसका फिर क्यों ऐतराज़ करें 

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