A-283 तुम पर 8.6.17--6.26 AM
तुम पर hi नज़र हो
साँसों की ख़बर हो
तुम मेरी बाहों में हो
बस इतनी ख़बर हो
नज़रों पर नज़र हो
साँसों की ख़बर हो
तुम भी बेख़बर रहो
रिश्तों की डगर हो
तेरा आना एक तोहफ़ा हो
बस तुम पर ही नज़र हो
लोग बेमियादी ढूँढते रहें
पर उनको न ख़बर हो
लोग बेवाक हो जाते है
जब उनका न शहर हो
निगाहें ढूँढती रहती है
कोई तो हमसफ़र हो
लोग बेदर्द हुए जाते हैं
जैसे उनका न फ़र्ज़ हो
पाली के दर्द को कौन जाने
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