Tuesday, 26 December 2017

A-226 वक़्त गुज़र गया 13.12.16--4.59 AM


A-226 वक़्त गुज़र गया 13.12.16--4.59 AM
किसकी बातें करते हो 
कौन यहाँ आया था 
कौन सा हमसफर था 
जो वक़्त गुजर गया 


वक़्त यूँ भी गुज़र जाता है 


तेरा दीदार में वक़्त यूँ गुज़र गया
मुस्कराने को इकरार समझ बैठे 

मुस्कराना हम समझते रहे 
तेरे इकरार में वक़्त गुज़र गया
क्यों करूँ अब मैं और इंतज़ार 
ज़माने की बात जमाना गुज़र गया 

तेरे इंतज़ार में वक़्त गुज़र गया

खड़े रहे उनकी इंतज़ार में  
आदत सी बन गयी है हमेशा इंतज़ार की 
आदत सी बन गयी है सहने कि हर प्रकार की 
आदत सी बन गयी है वक़्त के प्रहार की 
आदत सी बन गयी है उनके प्यार की 
उनके दीदार की 
उनके इकरार की 

गर्भ में करते रहे इंतज़ार और वक़्त गुज़र गया 
नवजात बच्चे की चितकार और वक़्त गुज़र गया 
शिशु बन करते रहे प्रहार और वक़्त गुज़र गया 
लूट लिया दुनिया का प्यार और वक़्त गुज़र गया 
बहुत पड़ी मम्मी की मार और वक़्त गुज़र गया 
पापा भी करते रहे इंतज़ार और वक़्त गुज़र गया 


पैदा हुए और 
वक़्त नगुज़ार था गुज़र गया 
किसी के इंतज़ार में वक़्त ही गुज़र गया 

किसी का इंतज़ार था गुज़र गया 
कोई बहुत अपना था गुज़र गया 
इश्के इम्तिहान था गुज़र गया 
गुज़रा हुआ ज़माना अब भी याद है 
यह नाशूक़रा क्यों न गुज़र गया 

दर्द दिल का दिल में खड़ा है 
तेरे देरी को इंतज़ार समझ बैठे 
तेरी बेचैनी को प्यार समझ बैठे 
हम यूँ ही गुलज़ार हुए जाते थे 

मुस्कराने को दीदार समझ बैठे 

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