आज तुम कैसे अजनबी हो गए
रिश्ते जो अपने थे कहाँ खो गए
पल भर की जुदाई पे बस न था
किसके भरोसे तुम जुदा हो गए
अब तक तो मेरे दिल में बसे थे
अब किसके संग कहाँ खो गए
दर्द ने दिल में हरक़त की होगी
या फिर यूँ ही तुम विदा हो गए
तेरे जाने से दर्द भी सलामत है
न जाने फिर क्यों खड़े हो गए
सलामती की दुआ करते करते
न जाने हम फिर कहाँ खो गए
पल भर की जुदाई पे बस न था
किसके भरोसे तुम जुदा हो गए
Poet: Amrit Pal Singh Gogia “Pali”
No comments:
Post a Comment